मौनी अमावस्या पर संगम स्नान के दौरान मची भगदड़ में 30 लोगों की मृत्यु, 90 घायल

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महाकुंभ नगर। महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर संगम स्नान को उमड़ी करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच संगम नोज पर मंगलवार की रात को अचानक हुई भगदड़ में 30 लोगों की मृत्यु हो गई जबकि 90 लोग घायल हो गए। यह दुर्घटना रात में करीब डेढ़ बजे हुई। बताया गया कि अचानक भीड़ का रेला बढ़ने से भगदड़ मची तो लोग एक दूसरे पर गिर पड़े और फिर आगे बढ़ रही भीड़ गिरे लोगों को कुचलते हुए आगे बढ़ती गई। इसी में श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई और लोग घायल हुए। दुर्घटना के बाद 13 अखाड़ों ने अपनी शोभायात्रा के साथ अमृत स्नान के स्थगन की घोषणा कर दी। भगदड़ और अफरा-तफरी के बीच कुछ समय के लिए संगम घाट स्नान के लिए बंद कर दिया गया। दुर्घटना स्थल से मृतकों के शव और घायलों को अस्पताल ले जाने के बाद ही वहां स्नान शुरू कराया गया। दुर्घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य नेताओं ने दुख व्यक्त करते हुए श्रद्धालुओं से संयम बरतने, अफवाहों पर ध्यान न देने और अमृत स्नान कर शांति पूर्वक अपने घरों को लौट जाने की अपील की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के फौरन बाद उच्च स्तरीय बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुर्घटना की जानकारी भी दी। दूसरी ओर विपक्षी नेताओं अखिलेश यादव, मायावती और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दुर्घटना के लिए सरकार पर बदइंतजामी और लापरवाही का आरोप लगाया तथा मारे गए लोगों को मुआवजा देने की मांग की है।

 दुर्घटना की सूचना मिलते ही एनएसजी कमांडो, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने मोर्चा संभाल लिया। पूरे क्षेत्र को घेर लिया गया। फौरन 50 एंबुलेंस बुलाई गईं और 40 से 50 मिनट के भीतर हादसे के शिकार लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया। ग्रीन कोरिडोर बनाकर फौरन इलाज मुहैया कराया गया। आवश्यकता के अनुसार डाक्टरों की टीम ने इलाज किया। कुछ को शहर के अस्पताल भेजा गया।

 इधर बुधवार कै दिन भर संगम समेत विभिन्न घाटों पर स्नानार्थियों का भारी जमावड़ा देखने को मिला। करोड़ों लोगों ने मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान किया।

देर शाम मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्ण ने मौनी अमावस्या के पर्व पर संगम नोज में हुए हादसे की विस्तृत जानकारी दी। तीन शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, स्वामी सदानंद और स्वामी विधु शेखर भारती ने साथ साथ संगम स्नान किया। इसी बीच तेरहों अखाड़ों ने बिना ढोल नगाड़े के सादगी और शांति के साथ प्रतीकात्मक रूप से संगम पहुंच कर अमृत स्नान किया। महामंडलेश्वरों और अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों ने दुर्घटना पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए लोक कल्याण की कामना की।

दिन भर चले स्नान के बाद मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने शाम को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि

 ब्रह्म मुहूर्त से पूर्व प्रातः एक बजे से 2 बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना। भीड़ के दबाव के कारण दूसरी ओर के बैरीकेड्स टूट गए और लोग बैरीकेड्स लांघकर दूसरी तरफ आ गए और ब्रह्म मुहूर्त पर स्नान का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को कुचलना शुरू कर दिया।

 उन्होंने बताया कि दुर्घटना की जानकारी मिलते ही तत्काल राहत और बचाव कार्य करते हुए भीड़ को हटाया और एंबुलेंस के माध्यम से लगभग 90 घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन इसमें से दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई है। इनमें से 25 की पहचान हो चुकी है और शेष की शिनाख्त की जानी बाकी है। मृतकों में कुछ लोग बाहर के प्रदेशों से हैं, जिसमें कर्नाटक से 4, असम से एक, गुजरात से एक है। कुछ घायलों को परिवार के लोग लेकर चले गए हैं तथा 36 घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन के द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है। इस समय स्थिति सामान्य है।

प्रशासन ने बताया कि 29 जनवरी को शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। आज मेला प्रशासन ने वीआईपी प्रोटोकॉल इंटरटेन नहीं किया। जो भी मुख्य स्नान पर्व हैं उस पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा।

 दूसरी ओर विपक्षी नेता और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दुर्घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कहा, बदइंतजामी और लापरवाही के चलते यह दर्दनाक हादसा हुआ है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की है।

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